लेखक ने अपने लेखन को अपनी “आंतरिक विवशता” क्‍यों कहा ? - CCL Chapter

लेखक ने अपने लेखन को अपनी “आंतरिक विवशता” क्‍यों कहा ?

लेखक ने अपने लेखन को अपनी “आंतरिक विवशता” क्‍यों कहा ?

उत्तर – लेखक ने अपने लेखन को अपनी आंतरिक विवशता इसीलिए कहा क्योंकि वह स्वयं जानना चाहता है कि वह क्यों लिखता है?  लिखकर ही लेखक उस आंतरिक विवशता को पहचानता है जिसके कारण उसने लिखा और लिखकर ही वह उससे मुक्त हो जाता है।