लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्‍यों ?

प्रश्न. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्‍यों ?

उत्तर – लेखक के अनुसार सच्चा लेखन भीतरी मजबूरी या विवशता से ही उत्पन्न होता है। यह मजबूरी मन के भीतर से उत्पन्न अनुभूति से ही जागती है। यह बाहरी घटनाओं या किसी भी प्रकार के दबाव से उत्पन्न नहीं होती है। जब तक किसी भी लेखक का हृदय अनुभव के कारण पूरी तरह संवेदनशील नहीं हो उठता, उसमें अभिव्यक्ति की आकुलता पैदा नहीं होती, तब तक वह कुछ भी नहीं लिख सकता।