आर्जवम Class 9 नैतिक शिक्षा (मध्यमा ) Chapter 2 Question Answer – HBSE Solution

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HBSE Class 9 Naitik Siksha Chapter 2 आर्जवम Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 9th Book Solution.

आर्जवम  Class 9 Naitik Siksha Chapter 2 Question Answer


प्रश्न 1. जीवन में दिव्य लक्षणों का क्या महत्त्व है?

उत्तर – जीवन में दिव्य लक्षणों का अत्यधिक महत्त्व है। ये लक्षण जहाँ हमारी अच्छी पढ़ाई में सहायक होंगे वहीं भविष्य में जीवन को एक उचित आधार देकर आपके जीवन में छुपी हुई महानता को भी उजागर करेंगे। जिस प्रकार अच्छी पढ़ाई केवल वर्तमान समय के लिए ही नहीं हैं अपितु अच्छे कैरियर एवं नीतिपूर्ण धनोपार्जन के द्वारा समग्र जीवन का अच्छा आधार भी है, उसी प्रकार उपरोक्त गुण वर्तमान समय के लिए ही नहीं, बल्कि आपके संपूर्ण जीवन की अक्षय निधि भी हैं।


प्रश्न 2. आर्जवम् के रूप में गीता के कृष्ण वास्तव में क्या कहना चाहते है ?

उत्तर- आर्जवम् शब्द का अर्थ है- स्वभाव की सरलता, सहजता और सीधापन अर्थात् किसी प्रकार की अकड़-अभिमान व छल-कपट का सर्वथा अभाव। आर्जवम् के रूप में गीता के श्रीकृष्ण कहना चाहते हैं कि जो हम नहीं हैं, वह दिखाना, उसे अहम् पूर्वक प्रकट करना- ऐसा खोटा सिक्का अधिक समय तक नहीं चलता। इस प्रकार के व्यवहार से न तो हमें कहीं उचित सम्मान मिलता है और न ही हम किसी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।


प्रश्न 3. दुर्योधन अपने गुरु और बड़ों का आशीर्वाद क्यों नहीं ले पाया?

उत्तर – दुर्योधन के जीवन में विनम्रता, सरलता एवं सीधेपन का अभाव है। वह हमेशा राजपुत्र होने की अकड़ में रहता है। उसके मन में हर समय अपने से बड़ों के प्रति छल-कपट और अहंकार भरा हुआ है। इसी कारण वह जीवन में कभी भी अपने गुरु एवं बड़ों का आशीर्वाद नहीं ले पाया।


प्रश्न 4. आज भी विदुर-विदुरानी का आदर-सम्मान क्यों सुरक्षित है?

उत्तर – विदुर-विदुरानी के स्वभाव में सरलता एवं सहजता है। वे दिखावे से बिल्कुल दूर हैं। उनके जीवन में छल-कपट, अहं आदि दुर्गुणों का सर्वथा अभाव है। उनके निश्छल प्रेम भावे को देखकर ही भगवान श्रीकृष्ण उनकी साधारण-सी कुटिया में पहुँचते हैं और उनसे फल-शाक माँगकर खाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण आज भी विदुर-विदुरानी का सम्मान सुरक्षित है।


आपकी समझ –


प्रश्न 1. इस पाठ से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर- इस पाठ से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवन में सरल एवं सहज रहना चाहिए। हमें छल-कपट व दिखावे से सर्वथा दूर रहना चाहिए। यदि हमें जीवन में उन्नति करनी है तो हमें बाहरी दिखावा न करके विनम्रता एवं सहजता का व्यवहार करना चाहिए।


प्रश्न 2. विद्यार्थी के रूप में झूठा दिखावा करने का आपको क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है?

उत्तर – विद्यार्थी के रूप में झूठा दिखावा करने से हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक विद्यार्थी का लक्ष्य होता है कि वह अपनी पढ़ाई अच्छी प्रकार से करे। वह सभी परीक्षाओं में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करे। इस लक्ष्य को पाने के लिए यदि विद्यार्थी झूठा दिखावा करता है तो यह लक्ष्य उसे नहीं मिल सकता।