Class 10 Hindi New Naitik Siksha (आदर्श जीवन मूल्य (मध्यमा ) BSEH Solution for Chapter 8 गरिमामयी भारतीय नारी Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 10 Hindi mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer, Word meaning, Vyakhya are available of नैतिक शिक्षा Book for HBSE.
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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 8 गरिमामयी भारतीय नारी Question Answer for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.
गरिमामयी भारतीय नारी Class 10 Naitik Siksha Chapter 8 Question Answer
प्रश्न 1. वर्तमान भारतीय समाज में नारी का क्या स्थान है?
उत्तर – वर्तमान भारतीय समाज में नारी हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है और साथ ही देश को अच्छा बनाने में पुरुषों के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
प्रश्न 2. वानप्रस्थ होने से पूर्व ऋषि याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी से क्या कहा? इससे उनका क्या भाव प्रकट होता है?
उत्तर – जब ऋषि ने वानप्रस्थ लेने का विचार किया तो अपनी पत्नी से मन्त्रणा की और कहा कि तुम आज्ञा दो तो मैं वानप्रस्थ लेने का विचार रखता हूँ। मेरे धनादि को तुम और कात्यायनी (दूसरी पत्नी) परस्पर बाँट लो। इससे उनका समानता और प्रेम का भाव प्रकट होता है।
प्रश्न 3. भगिनी निवेदिता का मूल नाम क्या था? वे किसकी शिष्या थीं?
उत्तर – भगिनी निवेदिता का मूल नाम मारग्रेट नोबल था। वे स्वामी विवेकानन्द की शिष्या थीं।
प्रश्न 4. कलकत्ता में प्लेग की महामारी फैलने पर निवेदिता ने सेवा कार्यों में क्या योगदान दिया?
उत्तर – कलकत्ता में प्लेग की महामारी फैलने पर भगिनी निवेदिता ने स्वच्छता सम्बन्धी सारा काम अपने हाथ में ले लिया। उनकी प्रेरणा से अनेक युवक-युवतियाँ प्लेग पीड़ितों की सहायता के लिए घरों से बाहर आ गए। इसका एक सुपरिणाम यह निकला कि सेवा की दिव्य अनुभूति से छुआछूत की सतही भावना भी दूर हो गई।
प्रश्न 5. सरोजिनी नायडू ने राजनीतिक क्षेत्र में क्या भूमिका निभाई?
उत्तर – 18 दिसम्बर, 1917 को सरोजिनी नायडू के नेतृत्व में देश की अठारह प्रमुख महिलाएँ महिला मताधिकार की माँग को लेकर तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चेम्सफॉर्ड से मिलीं। सन 1922 में महिला मताधिकार की बात मान ली गई। 1919 में उन्होंने बम्बई में असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। वे कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं तथा स्वतन्त्रता के बाद देश की पहली राज्यपाल बनी। उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन के लगभग सभी नेताओं के साथ काम किया। 1917 से 1947 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से स्वतन्त्रता की लगभग सभी महत्त्वपूर्ण घटनाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
प्रश्न 6. अपना कोई अनुभव बताओ, जब आपने किसी भी कारण से पीड़ित लोगों की सहायता की हो।
उत्तर – छात्र स्वयं प्रयास करें।
प्रश्न 7. वैदिककालीन पाँच विदुषियों (विद्वान महिलाएं) की जानकारी एकत्रित करो।
उत्तर – छात्र स्वयं प्रयास करें।
प्रश्न 8. भगिनी निवेदिता भले ही विदेश में जन्मी थीं परन्तु वे पूरी तरह भारतीय रंग में रंगी थीं, अध्यापक कक्षा में चर्चा कराएँ
उत्तर – वे आयरलैंड में जन्मी जरूर थीं लेकिन उनकी आत्मा विशुद्ध भारतीय थी। भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानन्द के आत्मज्ञान सम्बन्धी भाषण और दर्शन की सुन्दर व्याख्या सुनकर वे मन्त्रमुग्ध हो गईं। उनके अन्दर भारत को आत्मसात करने की प्रबल इच्छा जागृत हुई। भारत को जानने-समझने की यही जिज्ञासा, उन्हें यहाँ खींच लाई। वे स्वामी विवेकानन्द की शिष्या बनकर भारतीयों की सेवा के लिए समर्पित हो गई।