समस्या को बदला अवसर में Class 10 नैतिक शिक्षा (मध्यमा ) Chapter 5 Explain – HBSE Solution

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HBSE Class 10 Naitik Siksha Chapter 5 समस्या को बदला अवसर में Explain for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 10th Book Solution.

समस्या को बदला अवसर में Class 10 Naitik Siksha Chapter 5 Explain


हरियाणा प्रान्त के करनाल जिले के पास के एक गाँव के निवासी आकाश गुप्ता को अपने पिता प्रेम प्रकाश गुप्ता द्वारा स्थापित स्टील कंपनी को संचालित करने के लिए 5 लाख प्रतिमाह का बिजली का बिल परेशान कर रहा था। इसके साथ ही उन्हें अपनी बिना दूध देने वाली 1200 गायों वाली गौशाला एवं उनके गाँव के किसानों की धान की पराली, पशुओं के गोबर एवं मंडी की खराब सब्जी आदि की समस्या दिखाई दे रही थी। उन्होंने इस समस्या को दूर करने का एक समाधान सोचा।

आकाश ने लेखक को बताया कि सबसे पहले उन्होंने बायोगैस प्लांट लगाया। बायोगैस के उस प्लांट में कचरे से जैविक खाद बनाने लगे। इसी प्रकार उन्होंने स्वयं डिजाइन करके ‘हरित फर्टिलाइजर्स’ नाम से एक उद्योग प्रारंभ किया। इस उद्योग से उनकी स्टील कंपनी के लिए पर्याप्त बिजली की आपूर्ति हुई। इसके साथ ही वे 4.5 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाकर अन्य कंपनियों को भी गैस बेचकर उनकी ईंधन की समस्या का समाधान कर रहे हैं जिससे उनकी कमाई बढ़ गई। आज यहाँ प्रतिदिन लगभग 2000 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। आसपास के गाँवों के किसान अपने कचरे, गोबर, पराली आदि हरित फर्टिलाइजर्स को बेचने लगे, जिससे उन किसानों की आमदनी बढ़ी।

उस क्षेत्र को किसानों के लिए जैविक खेती को बढ़ाने का अवसर मिला। इस कंपनी के द्वारा उत्पन्न हुए उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद के प्रयोग से खेती में 10 प्रतिशत तक पानी की खपत कम हो गई। किसानों के अन्य खर्चों में भी काफी कमी आई। इस प्रकार आसपास के किसानों की कुल आय में लगभग 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। इतना ही नहीं, यहाँ जिले भर की गौशालाओं के गोबर की खाद खरीदी जाती है। इससे प्रत्येक गौशाला की आमदनी बढ़ी। प्रति गौशाला की ₹8 से 9 लाख की प्रतिवर्ष आमदनी होने लगी, जिससे ये गौशालाएँ स्वावलंबी बन गईं। अब इस कंपनी को आसपास के क्षेत्र में बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

आकाश के पुरुषार्थ और प्रेरणा से आसपास के युवा ऐसे उद्यम लगाकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। अतः हम सभी को यह विचार करना चाहिए कि जहाँ समस्या होती है, वहीं उसका समाधान भी छिपा होता है। कई बार तो एक समस्या का समाधान करते-करते अनेक समस्याओं का समाधान हो जाता है, जैसा कि इस कहानी में हुआ। समाधान खोजने के लिए चिंतन, सामर्थ्य, आत्मविश्वास, धैर्य और पैनी दृष्टि की आवश्यकता होती है।